भारत मे लॉकडाउन 24 मार्च 2020 को लागू किया गया । इससे सभी लोग अपने घरों में कैद हो गए साथ ही सम्पूर्ण आवागमन, व्यापार सभी ठप हो गए । जिससे भारत की आर्थिक स्थिति चरमरा गई । इस आर्थिक स्थिती से उभरने के लिए सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान का आरंभ किया गया । आत्मरिभर भारत १.० के सफलता के पश्चात २.० का आरंभ किया गया । आत्मनिर्भर भारत २.० के अपार सफलता के पश्चात भारत सरकार ने आर्थिक स्तिथि को ध्रुड करने के लिए ३.० का आरंभ किया गया । इस लेख में आप आत्मनिर्भर भारत ३.० के विषय में संपूर्ण जनकारी प्राप्त करेंगे । जैसे कि आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या है?, इसके लाभ, विशेषताएं, पात्रता, आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत आने वाली योजनाएं, आवेदन प्रक्रिया, आदि ।
Table of Content 1.आत्मनिर्भर भारत ३.० 2.आत्मरिभर भारत अभियान ३.० का उद्देश्य 3.आत्मनिर्भर भारत 2021-2022 के बजट में की गई घोषणाएं 4.योजना के अंतर्गत किए जाने वाले खर्च 5.आत्मनिर्भर भारत अभियान के लाभार्थी 6.आत्मनिर्भर अभियान के निम्नलिखित विभाग |
आत्मनिर्भर भारत ३.०(Atmanirbhar Bharat ३.0)
आत्मनिर्भर भारत कोरॉना से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए आरंभ किया गया । अब तक आत्मनिर्भर भारत की २ फेज सुरुवात(लॉन्च) किया जा चुका है । दोनो फेज के अपार सफलता के फल स्वरूप अब भारत सरकार द्वारा तीसरा फेज भी आरंभ(लॉन्च) किया गया । जिसको आत्मनिर्भर भारत अभियान ३.०(तीसरा चरण) के नाम से जाना जाता है । आत्मनिर्भर अभियान 3.0(तीसरा चरण) के अंतर्गत नौकरी से लेकर व्यवसाय तक सभी क्षेत्रों को सामिल किया गया है ।
आत्मरिभर भारत अभियान ३.० का उद्देश्य
आप सभी जानते है कॉरोना संक्रमण के कारण पूरे भारत में लॉकडॉन लगाया गया था । जिससे सभी उद्योग, व्यापार, ट्रांपोर्ट ठप पड़ गए थे । इसके चलते भारत और भारत वासियों को आर्थिक स्तिथि से झुजना पड़ा । इस स्थिती से उभरने के लिए आत्मरिभर भारत अभियान का आरंभ किया गया । यह योजना के तहत विभिन्न प्रकार के योजनाओं को संचालित किया जायेगा । जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले और जो हानि हुई है उसकी भरपाई हो सके । आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति को सुधारना है जिससे कि देश की इकॉनमी वापस पहले जैसी हो सके ।
आत्मनिर्भर भारत 2021-2022 के बजट में की गई घोषणाएं
हमारे देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन जी द्वारा १ फरबरी २०२१ के बजट में घोषणा की गई । इस बजट में आत्मनिर्भर भारत के संदर्भ में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई । आत्मनिर्भर भारत कोरॉन काल के पश्चात आरंभ किया गया ताकि आर्थिक दृष्टि से सशक्त किया जा सके । आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत सरकार एवं रिजर्व बैंक के द्वारा 27.1 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। जो की यह राशि भारत की जीडीपी का १३% है । निर्मला सीतारमन जी ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष आत्मरिभर भारत योजना के अंतर्गत ३ पेकेज आरंभ किए गए । जो की ५ छोटे बजट के बराबर है ।
• आत्मनिर्भर भारत ३.० के अंतर्गत बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, किसानों की आय को दोगुना करना, सुशासन, युवाओं के लिए अफसर, महिला सशक्तिकरण और अन्य विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ।
• 2021-22 का आम बजट स्वास्थ्य, भौतिक और वित्तीय पूंजी और बुनियादी ढांचा, आकांक्षातमक भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी को फिर से विकसित करना, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास तथा शासन में अधिकतमकरण पर आधारित है ।
योजना के अंतर्गत किए जाने वाले खर्च
कोरॉना के चलते भारत में पूर्ण लॉकडन लगाया गया था । जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना का करना पड़ा । इसके चलते इस साल टैक्स रिवेन्यू ठीक तरीके से नहीं आने के कारण सभी राज्यों को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है । इस कारण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने और अधिक पूंजी निवेश करने को ध्यान दिया । ताकि भारत आत्मरिभर की ओर एक कदम और भड़ा सके । आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत वित्त मंत्रालय द्वारा 9879 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय प्रदान करने की 27 राज्यों के अनुमति दे दी गई है। इस योजना का लाभ तमिलनाडु को छोड़कर देश के सभी राज्य उठा रहे हैं । इसके अतिरिक्त कई सारे कैपिटल एक्सपेंडिचर प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी गई है। जैसे हेल्थ, रूरल डेवलपमेंट, वाटर सप्लाई, इरिगेशन, ट्रांसपोर्ट, एजुकेशन एंड अर्बन डेवलपमेंट के छेत्र में है ।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के लाभार्थी
आत्मानबीर भारत अभियान के प्रमुख लाभार्थी निम्नलिखित हैं: –
• श्रमिक (मजदूर / श्रमिक)
• दैनिक वेतन अर्जन
• किसान
• जो लोग देश के विकाश के लिए काम करते है
• मध्यम वर्ग के लोग जो सरकार को आयकर देते हैं
• उच्च वर्ग के लोग जो अर्थव्यवस्था को ताकत देते हैं
आत्मनिर्भर अभियान के निम्नलिखित विभाग
• आत्मनिर्भर भारत योजना को मुखियतः तीन चरणों में बाटा गया है । प्रथम चरण में उत्तर पूर्वी छेत्र आता है । जिसके लिए सरकार द्वारा २०० करोड़ रुपए आवंटित किया गया । आसाम की जनसंख्या तथा भौगौलिक क्षेत्र को देखते हुए ४५० करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं ।
• दूसरे चरण में वे सभी राज्य आते है जो प्रथम चरण में नही आए । इस चरण के अंतर्गत सरकार द्वारा ७५०० करोड़ रुपए आवंटित की गई ।
• आत्मनिभर भारत के तीसरे चरण के अंतर्गत सरकार द्वारा २००० करोड़ रुपए आवंटित किए गए । यह तीसरे भाग की राशि केवल उन्हीं राज्यों को प्रदान की जाएगी । जो सरकार द्वारा बताए गए चार सुधारों में से कम से कम तीन सुधार राज्यों में लागू करे । वह चार सुधार है, वन नेशन वन राशन कार्ड, इज ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म, अर्बन लोकल बॉडीज/ यूटिलिटी रिफॉर्म तथा पावर सेक्टर रिफॉर्म है ।